आए दिन सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ वायरल होता रहता है। फिलहाल तो पूरी दुनिया में कोविड की खबरें सामने आ रही है जिससे कि लोग बेहद परेशान है। ऐसे में चलिए अब आपको एक मजेदार खबर के बारे में बता देते है जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
दरअसल 11 साल का एक बच्चा रोता-बिलखता पुलिस थाने पहुंचा। एसएचओ से शिकायत कि एक आंटी उसके दो पालतू तोते नहीं दे रही है। वे उसे उसके तोते दिलवाएं।

एसएचओ का दिल पसीज गया और उसने महिला को दोनों तोतों के साथ पुलिस थाने बुला लिया, मगर दिक्कत यह थी कि बच्चा साबित कैसे करे कि ये दोनों तोते उसी के हैं। फिर पूरा मामला खुद तोतों की गवाही से सुलझा।
यह अनूठा मामला राजस्थान के राजसमंद जिले का है। जानकारी के मुताबिक, बच्चे का नाम करण सेन है। उसकी उम्र महज 11 साल है। वह राजसमंद जिले के कुंवारिया गांव का रहने वाला है। उसके एक तोते का नाम राधा तो दूसरे का नाम कृष्ण है।

लॉकडाउन में एक दिन दोनों तोते उड़कर घर से बाहर कहीं चले गए। लॉकडाउन की वजह से परिजनों ने तोते को तलाश नहीं पाए। जब लॉकडाउन में कुछ ढील मिली तो घरवाले तोते को खोजने के लिए घर से बाहर निकले।
घर से काफी दूर जाने के बाद परिजनों ने दोनों तोते को खोज लिया। दोनों तोतों को एक महिला ने पाल रखा था। जब करण के परिजनों ने तोते लौटाने को कहा तो महिला ने इनकार कर दिया। इसके बाद करण शिकायत लेकर थाने में पहुंच गया।

थाने में आकर महिला ने पुलिस के सामने बताया कि, ये दोनों तोते उसके हैं वो वापस नहीं देगी। इसके बाद करण ने कहा कि ये तोते मेरे हैं और मैं ये साबित भी कर सकता हूँ।
पुलिस ने करण को साबित करने का मौका दिया, करण ने तोतों की तरफ देखकर राधा कृष्ण कहा और दोनों तोते उसके कंधे पर आकर बैठ गए। इस तरह से पुलिस ने साबित किया कि ये करण के ही तोते हैं।

बता दें कि अपने तोतों को पाकर करण खुशी से फूले नहीं समा रहा था। कहते है ना किसी भी जानवर या पक्षी को अगर दिल से पालो तो वो अपना बन ही जाता है।