असफलता से कभी डरना नहीं चाहिए। आपको हमेशा सकारात्मक सोच के साथ निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको धैर्य के साथ तैयारी करनी होती है। लेकिन कुछ लोग हर साल ऐसे उदाहरण पेश करते हैं जिनकी कहानी हर किसी को हैरान कर देती है। आज आपको यूपीएससी ईएसई परीक्षा 2020 में ऑल इंडिया रैंक 45 हासिल कर इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राप्त करने वाले सुशील सुमन की कहानी बताएंगे।
जब आप किसी दृढ़ मानसिकता के साथ कोई काम करते हैं तो उस काम को सफल होने में कोई रोक नहीं सकता। आप जानकर चौंक जाएंगे कि सुशील सुमन इससे पहले 11 बार तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में इंटरव्यू तक पहुंचकर फेल हुए थे।

यूपीएससी के सफर में तमाम लोगों को असफलताओं का सामना करना पड़ता है। अगर इंसान में हिम्मत है तो बड़ी से बड़ी परिस्थिति से वह बखूबी जीत सकता है। सुशील सुमन झारखंड के एक गांव के रहने वाले हैं जहां पर सुविधाओं की भारी कमी है। उनके माता-पिता किसान थे और उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर थी। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में उन्होंने काफी अच्छे नंबर प्राप्त किए जिससे उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ा।

यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास करने वाले ही देश के नौकरशाह बन पाते हैं। आपको असफलता से कभी दूर नहीं भागना चाहिए। सफलता आपके नज़दीक ही होती है। उन्होंने सेल्फ स्टडी की बदौलत ही आईआईटी का एंट्रेंस क्लियर कर लिया। उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री आईआईटी रुड़की से हासिल की। यहां से वे यूपीएससी में जाने का मन बना चुके थे। यूपीएससी की खातिर उन्होंने एक अच्छी नौकरी का ऑफर भी ठुकरा दिया।

यूपीएससी में सफल कैंडिडेट्स की कहानियां अक्सर आपने सुनी होंगी। सफलता की कहानियां लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। यूपीएससी की परीक्षा पास करना हर किसी का सपना होता है। कई बार जब उन्हें यूपीएससी की विभिन्न परीक्षाओं में असफलता मिली तो उन्होंने एक कोचिंग में पढ़ाना शुरू कर दिया। साल 2020 में इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज में जगह बना ली।