असफलता जीवन का एक बहुत ही अहम हिस्सा है। असफलता से मुलाकात सभी की होती है, लेकिन जब आप किसी दृढ़ मानसिकता के साथ कोई काम करते हैं तो उस काम को सफल होने में कोई रोक नहीं सकता। ज्यादातर लोगों को लगता है कि यूपीएससी में सफलता केवल वही लोग प्राप्त कर सकते हैं, जिनका एजुकेशनल बैकग्राउंड बहुत मजबूत है।
असफलताओं से डरकर लोग अपना काम छोड़ देते हैं। यह हमारा हौसला तोड़ देता है। कई बार लोग छोटे लेवल की परीक्षाओं में असफल होकर यूपीएससी की तैयारी का ख्याल मन से निकाल देते हैं। लेकिन इस फील्ड में मेहनत के दम पर ऐसे लोगों को भी सफलता मिल जाती है।

हमने आपको कई सफल कैंडिडेट्स की कहानियां बताई हैं। मेहनत के दम पर आप सबकुछ हासिल कर सकते हैं। आज आपको सिरसा के रहने वाले विजय वर्धन की कहानी बताएंगे, जिन्होंने अपनी ग्रेजुएशन के बाद कई प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लिया, लेकिन कहीं भी सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और यहां पांचवें प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई।

यूपीएससी के सफर में तमाम लोगों को असफलताओं का सामना करना पड़ता है। सफलता की कहानियां लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। विजय का जन्म हरियाणा के सिरसा में हुआ था। इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग का रास्ता चुना। इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लिया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। ऐसे में उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का प्लान बनाया।

यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास करने वाले ही देश के नौकरशाह बन पाते हैं। यूपीएससी में उन्हें कई बार असफलता मिली लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने की ठान ली। देर से ही सही लेकिन उनकी किस्मत ने साथ दिया और साल 2018 में पांचवें प्रयास में उन्होंने 104वीं रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा कर लिया।