कभी न कभी आपके दिमाग में यह सवाल ज़रूर उठा होगा कि एक बार में हम कितना खा सकते हैं। खाने को लेकर हर किसी का अपना अलग – अलग विचार होता है। हम सभी के लिए सही समय पर सही आहार बेहद जरूरी है। लेकिन भागमभाग भरे जीवन में अक्सर हम यही नहीं कर पाते। जबकि हर उम्र में लोगों को पोषण की जरूरत होती है और जब शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता, तो उसमें तमाम तरह के विकार आने लगते हैं, जो शारीरिक व मानसिक परेशानियों का कारण बनते हैं।
हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार ही खा सकता है। किसी का पेट एक रोटी से भर जाता है तो कोई 10 रोटी भी खाले तो भी भूखा एहसास करता है। भोजन कब और कितना खाना चाहिए, सेहत के लिए दिन में कितनी बार खाना है या एक दिन में कितनी बार भोजन करना चाहिए ऐसे कई सवाल हमारे दिमाग में आते हैं।

हमारे देश में अधिकतर लोग दिन में केवल 3 टाइम खाना खाने पर जोर देते हैं। ब्रेकफस्ट, लंच और डिनर। अमूमन लोग इसी को फॉलो करते हैं। पोषक तत्वों से न सिर्फ हमारा शरीर मजबूत होता है, बल्कि इससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। इसके लिए जरूरी है कि इस बात का आकलन किया जाए कि सही और पर्याप्त भोजन ले रहे हैं या नहीं। एनसीबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, पोषण की कमी का खामियाजा सबसे अधिक बच्चे भुगतते हैं, क्योंकि अपर्याप्त पोषण के कारण विकासशील देशों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में से 45 फीसदी की मौत हो जाती है।

हमें जो भी खाना हो उसको आउट ऑफ़ लिमिट नहीं खाना चाहिए। हमें हमेशा कंट्रोल में खाना चाहिए। एक आम आदमी के लिए इस बात का आकलन काफी कठिन होता है कि उसे क्या खाना है और कितना खाना है। ऐसे कई साधन हैं, जिनके माध्यम से कोई भी यह जान सकता है कि उसे कब, क्या और कितना खाना है। पोषण की कमी के कारण शरीर कमजोर होता है और इस कारण बीमारियों का हमला होता है और ऐसे में दुनियाभर में हर साल करीब 60 लाख बच्चों की मौत हो जाती है। आपको अपने शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए दैनिक आधार पर कुछ तय चीजें खानी होंगी।

अच्छी सेहत के लिए हमें अच्छा खाना चाहिए। अगर हम अच्छा नहीं खाएंगे तो हमारी सेहत पर इसका असर पड़ता है। प्रोटीन हमारे प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत रखते हैं। दुग्ध उत्पादों और अंडों में प्रोटीन होता है। इन्हें अपने भोजन में हर हाल में शामिल करना चाहिए।