35.1 C
Delhi
Friday, March 29, 2024
More

    Latest Posts

    मिलिए इस गज़ब के दुल्हे से,4 करोड़ के दहेज़ को ठुकरा कर लिया 1 रुपया, बोला- आपकी बेटी ही मेरी दौलत है

    दरअसल ऐसा उदाहरण आपको बहुत ही ना के बराबर इस समाज में मिलेगा, जो इस नवयुवक ने करके दिखाया है। चलिए आपको पूरा मामला बताएंगे, लेकिन उससे पहले आपको बतादें कि दहेजरूपी दानव कैसे इतना शक्तिशाली होता जा था है।

    ये क्यों काबू में नहीं आ पा रहा है। भारतीय समाज में अनेक प्रथाएं प्रचलित हें। पहले इस प्रथा के प्रचलन में भेंट स्वरूप बेटी को उसके विवाह पर उपहारस्वरूप कुछ दिया जाता था परन्तु आज दहेज प्रथा एक बुराई का रूप धारण करती जा रही है।

    दहेज के अभाव में योग्य कन्याएं अयोग्य वरों को सौंप दी जाती हैं। लोग धन देकर लड़कियों को खरीद लेते हैं। ऐसी स्थिति में पारिवारिक जीवन सुखद नहीं बन पाता। गरीब परिवार के माता-पिता अपनी बेटियों का विवाह नहीं कर पाते क्योंकि समाज के दहेज-लोभी व्यक्ति उसी लड़की से विवाह करना पसंद करते हैं जो अधिक दहेज लेकर आती हैं।

    हमारे देश में दहेज प्रथा एक ऐसा सामाजिक अभिशाप है जो महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों, चाहे वे मानसिक हों या फिर शारीरिक, को बढावा देता है।

    इस व्यवस्था ने समाज के सभी वर्गों को अपनी चपेट में ले लिया है। अमीर और संपन्न परिवार जिस प्रथा का अनुसरण अपनी सामाजिक और पारिवारिक प्रतिष्ठा दिखाने के लिए करते हैं वहीं निर्धन अभिभावकों के लिए बेटी के विवाह में दहेज देना उनके लिए विवशता बन जाता है।

    क्योंकि वे जानते हैं कि अगर दहेज ना दिया गया तो यह उनके मान-सम्मान को तो समाप्त करेगा ही साथ ही बेटी को बिना दहेज के विदा किया तो ससुराल में उसका जीना तक दूभर बन जाएगा।

    संपन्न परिवार बेटी के विवाह में किए गए व्यय को अपने लिए एक निवेश मानते हैं। उन्हें लगता है कि बहूमूल्य उपहारों के साथ बेटी को विदा करेंगे तो यह सीधा उनकी अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाएगा।

    इसके अलावा उनकी बेटी को भी ससुराल में सम्मान और प्रेम मिलेगा। चलिए अब उस मिसाल बने नवयुवक की कहानी सुनिए। वैसे ये मामला हरियाणा का बताया जा रहा है।

    दरअसल जहां एक तरफ लोग दहेज न मिलने के कारण लड़की को परेशान करते हैं, उसके साथ बुरा सलूक करते हैं वहीं दूसरी ओर यह शादी पूरे देश के लिए उदाहरण बन चुकी है।

    आपको बता दें कि हर कोई इस शादी में दूल्हे एवं उसके परिवार की सरहाना करता दिख रहा है। यहाँ बता दें कि इस शादी में दहेज के तौर पर दूल्हे ने मात्र एक रुपए को लिया है।

    दरअसल वैसे तो यह शादी बिना किसी फालतू शोर शराबे के बहुत ही सिम्पल ढंग से पूरी हो गई, लेकिन इसके चर्चे पूरे देश में होने लगे है। शादी हरियाणा के सिरसा में रीति रिवाजों के साथ पूरी हुई दरअसल जिस लड़के की शादी थी उसका नाम बलेन्द्र है।

    बता दें कि दूल्हे बलेन्द्र ने यह बात रखी थी कि वह दहेज नही लेगा, और शादी में बिना मतलब का फालतू खर्च भी नही किया जाए। दूल्हे का कहना था कि लड़की के माता पिता अपनी बेटी दे रहे हैं।

    इससे अधिक और वह क्या चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि बलेन्द्र को लड़की वाले 4 करोड़ रूपए दहेज में देने के लिए तैयार थे। लेकिन बलेन्द्र ने इसे अस्वीकार कर दिया।

    दूल्हे बलेन्द्र ने सिर्फ एक नारियल के साथ एक रुपए शगुन के तौर पर ले करके लड़की वालों का सम्मान रखा। तो इस तरह से ये शादी समाज और पूरी दुनिया के लिए एक नज़ीर बनकर सामने आई है, और हो सकता है।

    इससे प्रेरित होकर इसी पहल को लोग आगे बढ़ाना शुरू कर दें। अगर ऐसा हुआ तो समझो, बहुत बड़ा कर्म हो जाएगा इस मानवजाति के लिए, बेटी के एक पिता के लिए।

    Latest Posts

    Don't Miss

    Stay in touch

    To be updated with all the latest news, offers and special announcements.