इंसानी ज़िंदगी में हमेशा आपको संघर्ष मिलेगा। चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए। हमेशा डटकर इससे लड़ते रहना चाहिए। हमने आपको कई यूपीएससी कैंडिडेट्स की कहानी बताई है। आज आपको इस परीक्षा 2019 में ऑल इंडिया रैंक 44 हासिल कर आईएएस अफसर बनने वाले आशुतोष कुलकर्णी की कहानी बताएंगे, जिन्होंने चौथे प्रयास में अपना सपना पूरा कर लिया।
संघर्ष से जबतक मुलाकात नहीं होती है तब तक सफलता का मतलब पता नहीं चलता है। ऐसा ही इन्होनें कर दिखाया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि आशुतोष तीन बार सफलता के बेहद करीब पहुंचकर असफल हो गए। हालांकि उन्होंने निराश होने के बजाय हर बार बेहतर तरीके से प्रयास किया। इसी की बदौलत उन्होंने चौथे प्रयास में अच्छी रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। उनका यूपीएससी का सफर कई लोगों के लिए प्रेरणादायक बन चुका है।

जब किसी पर बुरा समय आता है तो वह बदलते ज़रा भी वक्त नहीं लगता है। आपको बुरे वक्त में बस कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। आशुतोष ने हिम्मत नहीं हारी और डटकर सभी मुसीबतों का सामना किया। आशुतोष मूल रूप से महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने यूपीएससी में आने का मन बनाया।

यूपीएससी की परीक्षा पास हर कोई करना चाहता है। हर युवा इसका सपना देखता है। युवाओं का यह सपना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन नामुमकिन नहीं। आशुतोष बेहतर रणनीति की बदौलत पहले ही प्रयास में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे, लेकिन फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना पाए। दूसरे और तीसरे प्रयास में भी वे सफलता के बेहद करीब पहुंचकर चूक गए। ऐसे में उन्होंने और ज्यादा मेहनत की। आखिरकार चौथे प्रयास में उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने अच्छी रैंक के साथ परीक्षा पास कर ली।

इस परीक्षा में सफलता पाने का हर केंडिडेट का अपना अलग – अलग तरीका होता है। आशुतोष का कहना है कि यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने के लिए ऑप्शनल सब्जेक्ट पर फोकस करना काफी जरूरी होता है। उनके मुताबिक प्री परीक्षा से पहले कम से कम 7-8 महीने तक ऑप्शनल की जमकर तैयारी करनी चाहिए।