भारत के बीचों – बीच अपना मध्य प्रदेश सबसे अनोखे राज्यों में आता है। कहना पड़ेगा कि एमपी सचमुच गजब है। आपने कार चोरी, गहना चोरी, कपड़ा चोरी के बारें में सुना होगा लेकिन यहां एक सड़क चोरी हो गई। यह मामला सीधी जिले के मेंडरा गांव का है। यहां कीचड़ से भरी सड़क की जगह पहले मुरम और उसके बाद सीसी रोड की मंजूरी मिलती है। कीचड़ वाली सड़क के ऊपर ये दोनों सड़कें बना दी जाती हैं। सीसी रोड की लागत 10 लाख रुपए आती है।
वहां के ग्रामीण सकते में हैं कि कैसे यह संभव हो सकता है। किसी को यकीन नहीं हो रहा है। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि सड़क के रातोंरात गायब होने का मामला लोग बता रहे हैं। जिस तरह कागजों पर मंजूरी मिली, उसी तरह हिसाब दुरुस्त किया गया, लेकिन गांव वालों को न मुरम की सड़क मिली, न सीसी रोड। वे आज भी कीचड़ से बजबजाती सड़क पर चल रहे हैं।

आपको मामला अब समझ में आ रहा होगा। धीरे – धीरे पूरी कहानी भी अब समझ जाएंगे। यह भारत है यहां कुछ भी हो सकता है। ग्रामीणों को सड़क न मिलने से इससे परेशान होकर उप सरपंच और ग्रामीणों ने गुरुवार को अज्ञात चोरों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट लिखवा दी। उन्होंने शिकायती आवेदन में बताया कि गांव में रात तक सीसी रोड थी। सुबह गायब हो गई। इससे पुलिस भी भौंचक्की रह गई।

पुलिस को भी अब समझ नहीं आ रहा है कि वह इस चोरी के लिए किस अफसर को या कागज को गिरफ्तार करे। ख्यातनाम लेखक शरद जोशी का एक व्यंग्य आपने पढ़ा होगा। उनका व्यंग्य एक कुएं के चोरी हो जाने पर है। यह कुआं कागजों में खोदा जाता है। कुआं चोरी होने की एफआईआर दर्ज करवाई जाती है। चाेरी हुए कुएं को तलाशने पुलिस आती है। एक चतुर व्यक्ति पुलिस से कहता है, चोरों ने कुआं यहां गाड़ा होगा। पुलिस खुदाई करती है और पानी निकल आता है। इस तरह कुआं मिल जाता है।

अब पूरी पिक्चर आपको क्लियर हो गई गयी होगी। आप भी पहले सोच रहे होंगे कि ऐसी किसकी हिम्मत जो सड़क चोरी कर ले। यह जो मामला है यह व्यंग नहीं सच्चाई है, यहां सड़क बनाने के नाम पर 2017 में 10 लाख रुपए का भ्रष्टाचार किया गया। वर्षों तक इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। अब मामला सामने आया तो उप सरपंच रमेश कुमार यादव और गांव वाले एफआईआर दर्ज कराने थाने पहुंच गए।