25.6 C
Delhi
Thursday, April 25, 2024
More

    Latest Posts

    भेड़ चराने वाले चरवाहे को मिला करोड़ों का पत्थर, इंसानियत के लिए दान कर दिया

    एक पुराना कथन है कि मजाक उतना ही करो जितना आप खुद सहन कर सकते हों। तात्पर्य यह कि मजाक हमेशा शालीनता की सीमा में तथा स्वस्थ मानसिकता के साथ किया जाए तो ही अच्छा।

    अन्यथा यही मजाक न केवल किसी को दुःख पहुँचा सकता है, बल्कि स्वस्थ संबंधों में दरार भी पैदा कर सकता है। अगर यहीं कोई ग़रीब हो, और हम उसकी ग़रीबी का मज़ाक उड़ाते हैं या फिर उसे मज़ाक़ बनाते हैं तो ये भी बिल्कुल ठीक नहीं होता है, क्योंकि सब कुदरत के हाथ में है।

    कुदरत कब क्या कर दे, किसके साथ क्या हो जाये कोई भी नहीं जानता, और इसी को वक़्त और समय कहते हैं। कहावत है की समय बड़ा बलवान होता है और ये बात सौ फीसदी सही भी है।

    हमें इसलिए किसी गरीब की गरीबी का मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए, क्योंकि पता नहीं कब ये ग़रीब अमीर हो जाए और आप हो जाएं ग़रीब, क्योंकि ऊपर वाले कि लाठी में आवाज़ नहीं होती साहब।

    खैर, चलिए अब आगे बढ़कर एक ऐसे ग़रीब लेकिन ईमानदार इंसान का किस्सा सुनाना चाहते हैं, जो गरीब है और उसे अमीर बनने का पूरा मौका था लेकिन उसने खुद अपने आप ग़रीबी को ही चुना, यानी अपने अस्तित्व को बरकरार रखा उसने।

    बतादें इसी साल फरवरी महीने में यूके के कॉट्सवोल्ड्स के ग्रामीण इलाके में एक चरवाहे की अचानक से किस्मत बदल गई।दरअसल, भेड़ चराने वाले इस शख्स को एक दिन अचानक ही उल्कापिंड के दो छोटे टुकड़े मिल गए।

    इन दो टुकड़ों की कीमत करोड़ रुपए बताई जा रही है। लेकिन चरवाहे की नेकदिली ने उसके हाथ करोड़ों रुपये नहीं लगने दिए। उसने ये बेशकीमती टुकड़े म्यूजियम में दानस्वरूप दे दिए।

    बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक तकरीबन 4 बिलियन साल पुराने इन उल्कापिंड के टुकड़ों की मदद द्वारा इस रहस्य से पर्दा उठाया जा सकता है कि अंतरिक्ष में जीवन की कितनी संभावना है। पत्थर यूके के एक गांव में गिरे थे।

    पत्थरों के गिरने की आवाज़ इतनी तेज थी कि अपने घर में बैठे चरवाहे ने इसे साफ साफ सुन लिया। इस अजीब सी आवाज को सुन कर जब वह मैदान में पहुंचा तो उसने देखा कि वहां एक पत्थर पड़ा हुआ था, बाद में इस पत्थर से मितले जुलते कई टुकड़े आसपास पाए गए।

    ये पत्थर 57 वर्षीय विक्टोरिया बांड के फार्महाउस में पाए गए थे। जैसे ही पत्थरों के गिरने की खबर फैली वैसे ही यहां वैज्ञानिकों का आना जाना शुरू हो गया। बांड ने बताया कि पत्थर गिरने के बाद करीब पांच से सात वैज्ञानिक उनके घर पहुंचे थे।

    चरवाहे को पत्थर के बदले एक करोड़ रुपए देने की पेशकश की गई, इसके अलावा उसे ऑनलाइन भी कई ऐसे ऑफर मिले लेकिन उसने सबको मना कर दिया।

    ये सुनकर सबके होश ही उड़ गए सबने कहा कि आप ऐसा क्यों कर रहे हो, आपके पास खुद अपनी किस्मत को बदलने का पूरा मौका है, तो उस इंसान ने कहा कि समय के आगे किसी की नहीं चलती, किस्मत आपको अमीर भी कर सकती है और गरीब भी।

    इंसान के हाथ में कुछ नहीं है, लेकिन आज कम से कम मैं अपने लिए ये साबित करने जा रहा हूँ कि किस्मत ने मुझे ग़रीब नहीं बनाया बल्कि मैं ख़ुद ग़रीब ही रहना चाहता हूं, क्योंकि ये मेरा व्यक्तिगत चुनाव है।

    अब ये बात सुनकर सभी के रोंगटे ही खड़े हो गए उन्होंने कहा कि आप धन्य हैं। तो दोस्तों ये सब भौतिक चीज़े हैं, आज हैं तो कल नहीं, इसलिए आप उसी को हासिल करो, जो आपको सुकून पहुंचा सके।

    Latest Posts

    Don't Miss

    Stay in touch

    To be updated with all the latest news, offers and special announcements.