कई चीजों का गवाह है इतिहास, इतिहास में कई ऐसे पन्ने हैं जिन पन्नों को आज तक हम पलट नहीं पाए, लेकिन जब कभी मौका मिला, जब कभी समय आया, जब कभी हालात बने, तो हमने उन पन्नों को पलटने की कोशिश की, तो ऐसी ऐसी चीज़े निकलकर सामने आई, जिन चीजों के बारे में हम सोच कर समझ कर देखकर हैरत में आ जाएं, एकदम दंग हो जाएं। और ऐसा ही एक किस्सा इस खबर के मुताबिक हम आपको बताने जा रहे हैं।
खबर के हिसाब से जो चीज हम आपके सामने पेश करने जा रहे हैं, उस चीज को सुनकर, सोच कर, समझ कर, आपके जहन में आएगा कि अगर उस वक्त, जिस वक्त, ये हालात बने होंगे।

उस समय अगर इस गांव में लोग मौजूद होंगे, तो उनके साथ क्या हाल हुआ होगा। उनके क्या हालात हुए होंगे, किन परिस्थितियों से वह गुजरे होंगे। दोस्तों एक झील, झील को मरम्मत करने का काम किया गया, तो उस झील के भीतर एक गांव बसा मिला।

इसकी पूरी कहानी क्या है, आपको विस्तार से बताते हैं। ये झील इटली की है, जिसका नाम रेसिया झील है। ये झील अपने बर्फीले पानी के बीच मौजूद 14वीं शताब्दी के एक चर्च की मीनार के लिए मशहूर है।

लेकिन झील में एक खोए हुए गांव के अवशेष मिलने के बाद से लोग इसके निर्माण का इतिहास जानकर हैरान हैं। ख़बर के मुताबिक जब कई वर्षों बाद झील की मरम्मत का काम शुरू हुआ तो उसके पानी को अस्थाई रूप से सुखाया गया।
इसके बाद ही लोगों के सामने दशकों से जलमग्न गांव की तस्वीर आई, जिसे देखकर लोग हैरत में पड़ गए।रिपोर्ट के मुताबिक साल 1950 में पानी में समाने से पहले क्यूरॉन नामक यह गांव सैकड़ों लोगों का घर हुआ करता था।

दरअसल, एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट बनाने के लिए सरकार ने यहां 71 साल पहले एक बांध का निर्माण करवाया, जिसके लिए दो झीलों को मिलाया गया और क्यूरॉन गांव का वजूद मिट गया था।

अब जबसे ये मामला निकलकर सामने आया है तबसे लोग सोच रहे हैं कि इतनी खूबसूरत झील के नीचे ना जाने कितने लोग बलि चढ़ गए होंगे। अब लोग इसके इतिहास को जानने के बाद थोड़े डर से भी गए हैं, और जो लोग इसकी सुंदरता की वजह से इसे देखने आते थे।
अब वहीं लोग जबसे इसके इतिहास को जाने हैं तबसे वो इसे एक श्मशान के रूप में देखने लगे हैं, और ना जाने क्या-क्या ख़्याल अपने मन में पाल रहे हैं।