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Saturday, September 30, 2023
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    3 मिनट के अंतर पर हुए थे पैदा, और घंटे के अंदर हुए जुदा, इस हैवान ने ली दो भाइयों की जान

    इन दिनों कौन किसे कब छोड़कर चला जाए, कोई विश्वास नहीं किया जा सकता। समय के आगे किसी की नहीं चलती। लोग अपने घरों में किलकारी सुनते हैं, बच्चों के पैदा होने की बात सुनते हैं, बच्चों की रोने की बात कानों को सुनाई देती है, तो बड़ा हर्ष होता है, बड़ी खुशी होती है। लेकिन जब वही बच्चे बड़े होकर शादीशुदा होकर इस जमीन को इस धरती को इस दुनिया को छोड़ कर चले जाते हैं, तो बड़ा दुख होता है। ऐसा कुछ लोगों के साथ नहीं लगभग सभी के साथ होता है, और ये विधि का विधान है।

    सभी के साथ होता है, लेकिन अगर किसी महामारी की वजह से असमय किसी की मृत्यु हो जाए तो, उससे बहुत दुख होता है। जब इंसान अपनी पूरी उम्र को बिताने के बाद जाता है, तो दुख नहीं होता, सुकून पहुंचता है।

    लगता है कि इसने अपनी पूरी जिंदगी जी ली, अपना पूरा कर्म किया। लेकिन जब दो नौजवान किसी महामारी की चपेट में आने से अचानक से दम तोड़ देते हैं, तो मन को बड़ी निराशा होती है, और ऐसा ही इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे जुड़वा भाइयों को ये वहशी, दरिंदा, कोरोना वायरस निकल गया है।

    बतादें  23 अप्रैल 1997 को एक ही दिन पैदा हुए 2 जुड़वा भाई, और साथ ही पले बढ़े कामयाब हुए नौजवान हुए शादी हुई और फिर दोनों का ही निधन हो गया। इनका नाम जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और राल्फ्रेड जॉर्ज ग्रेगरी था। मेरठ के ये दोनो जुड़वां भाई  कोविड के कारण अब नहीं रहे। और जिस तरह कुछ समय के अंतराल में दोनों का जन्म हुआ था लगभग ठीक उसी तरह कुछ समय अंतराल में आगे-पीछे एक-एक कर कोरोना से ही दोनों का निधन हो गया।

    राफेल के अनुसार, “दोनों कोरिया और फिर जर्मनी जाने की योजना बना रहे थे। पता नहीं भगवान ने हमें इस तरह सजा क्यों दी?” उन्होंने कहा, “डॉक्टर उन्हें कोविड वार्ड से जेनरल आईसीयू में शिफ्ट करने की सोच रहे थे। हालॉंकि मैनें अस्पताल से आग्रह किया था कि दो दिन और कोविड वार्ड में ही उनके स्वास्थ्य की निगरानी करें।

    अचानक 13 मई की शाम मेरी पत्नी के पास फोन आया था और हमारी दुनिया उजड़ गई।” इनके पिता ग्रेगरी रेमंड राफेल के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि बीमार होने से पहले दोनों ने 23 अप्रैल को अपना 24वाँ जन्मदिन मनाया था। जन्म लेने के बाद दोनों ने हर काम साथ किया। सोना, खाना, खेलना और यहाँ तक कि पढ़ाई पूरी कर कंप्यूटर इंजीनियर बनना।

    हैदराबाद में नौकरी भी साथ-साथ की। राफेल के अनुसार पहले जोफ्रेड ने इस दुनिया को अलविद कहा, इसकी सूचना जब उनकी माँ को मिली तो उनके मुँह से एकाएक शब्द निकला कि अब राल्फ्रेड भी नहीं बचेगा। ऐसा ही हुआ अगले दिन वह भी इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए।

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