इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों के लिए ये टर्म साइबर क्राइम बहुत ही जाना सुना नाम है। लेकिन क्या आप जानते हैं की ये साइबर क्राइम क्या है और साइबर अपराध के प्रकार? जब इंटरनेट को डेवलप किया गया तब शायद ही इसके निर्माणकर्ताओं को ये पता होगा कि इस इंटरनेट का भी गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है। जैसे की आपराधिक घटनाओं के लिए।
इस इन्टरनेट या साइबर क्राइम में जो भी क्राइम होते हैं उन्हें साईबर क्राईम कहा जाता है। इसके कारण ही साइबर क्राइम की शुरुवात होती है और ऐसे लोग जिनका थोडा ज्यादा समझदार हैं वो इंटरनेट का गलत इस्तमाल करते हैं।

साइबर क्राइम की फील्ड दिन पर दिन बढ़ती होती जा रही है और साइबर क्राइम के कई नए तरीके दिखाई पड़ रहे हैं। ऐसे में प्रत्येक इंटरनेट इस्तेमाल वालों को इन साइबर क्राइम के विषय में जानकारी रखना अति आवश्यक है क्यूंकि वो कहते हैं न की जानकारी में ही समझदारी है।
माना की इंटरनेट का लोगों को जोड़ने में बहुत बड़ा योगदान है लेकिन इसके साथ कई इस्तेमाल करने वाले साइबर क्राइम जैसे की ऑनलाइन अपराध का शिकार बन रहे हैं। इसलिए इन सब से बचने के लिए आपको और आपके डाटा या जानकारी को सुरक्षित करना सबसे जरुरी है।

इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों की साइबर क्राइम एक्ट के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे आपको ये और भी बेहतर रूप से समझने में आसानी होगी। तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं, कि कैसे इससे बचा जाए।

बतादें इसकी शिकायत के लिए होम मिनिस्ट्री और दिल्ली पुलिस ने 155260 हेल्पलाइन नंबर लॉन्च किया है लोग इस नंबर पर कॉल करके ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकते है। हेल्पलाइन नंबर के अलावा आप वेबसाइट https://cybercrime.gov.i/ पर जाकर ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकते है

इस इंडियन साइबर क्राइम को -आर्डिनेशन प्लेटफॉर्मपर सबसे पहले दिल्ली को जोड़ा गया है। कुल मिलाकर हमारी सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि कुछ और भी ऐसे संसाधन जुटाए जाएं जिससे साइबर क्राइम से जुड़ी हर हरकत को पकड़कर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा जाए।