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कभी बेचते थे मुम्बई की सड़कों पर बस्ते, आज है 250 करोड़ की कंपनी के मालिक, जानिए कहानी तुषार जैन की

पैसे हर किसी को अच्छे लगते हैं, लेकिन हर किसी को पैसा कमाना शायद अच्छा ना लगता हो या फिर यूं कहें कि हर किसी को पैसे कमाने की लत ना हो। पैसे हर कोई रखना चाहता है, पैसे हर कोई कमाना चाहता है। लेकिन कमाने के पीछे की जितनी मेहनत होती है, जितना संघर्ष होता है। शायद वह कुछ लोग नहीं करना चाहते। भरपूर उनके पास आ जाए, सिर्फ सोचते हैं, लेकिन बहुत से लोग इस बात को जानते हैं कि पैसा कमाने का मूल मंत्र, स्मार्टनेस भी है और संघर्ष भी है।

आगे बढ़ना है कुछ करना है तो हमें अपने जीवन की पद्धति को समझते हुए आगे बढ़ना होगा। संघर्ष करना होगा, और संघर्ष करने के बाद कुछ अच्छा कर पाते हैं।और जब कुछ अच्छा कर पाते हैं तो उसकी क्वालिटी को मेंटेन करने के लिए हम आगे बढ़ते हैं। और आगे बढ़ते रहने की कहानी को ही संघर्ष कहते हैं। और इसी संघर्ष को जीवन कहते हैं।

ऐसा नहीं है कि कुछ लोगों के जीवन में ही संघर्ष होता है। हर किसी के जीवन की कहानी, अपना संघर्ष होता है। बस कहानियां उनकी प्रेरणादायक होती हैं। जो सफल हो जाते हैं, सिर्फ उनकी ही कहानी होती है।

असफलता की कोई कहानी नहीं होती, क्योंकि हर एक कहानी सफलता की ही होती है। अब इस खबर के माध्यम से हम आपको जो बताने जा रहे हैं। इस कहानी को आप सुनिए और यकीन मानिए आपको इस कहानी से बहुत प्रेरणा मिलेगी। साल 1992 में Harshad Mehta Scam Case में सैकड़ों लोगों ने अपना पैसा गंवाया।

उनमें मूलचंद जैन भी थे। झारखंड के बिज़नेसमैन मूलचंद जैन ने इस स्कैम में सारा पैसा गंवा दिया। ख़राब स्थिति होने के बाद जैन अपने बेटे तुषार जैन के साथ की मदद से मुंबई की गलियों में बैग बेचने लगे।

जल्द ही तुषार ने संघर्ष और मेहनत से अपनी स्थिति को सुधारा और High Spirit Commercial Ventures नाम का वेंचर लॉन्च करने में सफल रहे। वह इसके को-फाउंडर हैं। आज वह भारत के चौथे बड़े बैकपैक और लगेज विक्रेता हैं।

आज भारत में उनके 10 रीजनल ऑफिस हैं और मुंबई में हेड क्वार्टर है। साल 2012 में शुरू हुआ ये वेंचर आज 250 करोड़ रुपये की कम्पनी बन चुकी है। तरुण का कहना है कि, हम अगले चार से पांच साल में 1,000 करोड़ रुपये की टर्नओवर वाली कंपनी बन का सपना देख रहे हैं।

हमने मुंबई के पास भिवंडी में 1.31 लाख वर्ग फुट का कारखाना भी स्थापित किया है, जो बैकपैक्स के निर्माण के लिए है। हम अगले छह महीनों में उसी सामान पर हार्ड सामान के लिए एक विनिर्माण सुविधा स्थापित कर रहे हैं और उसके लिए क्षमता 60,000 बैग प्रति माह होगी। उसी तर्ज पर, हम पटना, बिहार में एक प्रमुख प्लांट स्थापित कर रहे हैं, जहाँ हम प्रतिवर्ष 25 लाख बैग का निर्माण करेंगे।

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