देश में महामारी की दूसरी लहर का असर ग्रामीण इलाकों में भी अधिक देखने को मिल रहा है। ग्रामीण अंचलों में संक्रमण के अधिक मामले आने के साथ ही मौतों का सिलसिला भी जारी है। ऐसे में अस्पतालों में बेड की काफी ज्यादा कमी आ रही है। इस समय में बहुत से लोग मदद का हाथ बढ़ा रहे है। ऐसे ही लोगों में चार दोस्तों ऐसा कमाल कर दिखाया है जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है।
चार दोस्तों ने मिलकर अपने दम पर कोविड सेंटर खोल दिया है। बीड जिले के चार दोस्त प्रकाश देसरडा, डॉ. भगवान सानप, डॉ. गणेश देशपांडे और अभिजीत डुंगरवाल ने इस महामारी में लोगों की मदद के लिए बिना किसी सरकारी मदद का इतज़ार करते हुए खुद से ही एक कोविड सेंटर खोल दिया है।

50 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल को इन दोस्तों ने ‘नो प्रॉफिट-नो लॉस’ कॉन्सेप्ट पर तैयार किया है इसका मतलब है कि मरीजों से फीस तो ली जाती है लेकिन सरकारी अस्पताल की फीस से भी कम।

इसमें न तो प्रॉफिट है और ना ही नुकसान। आपको बता दे कि इस सेंटर में 12 ऑक्सीजन बेड तथा 38 जनरल बेड की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही मरीजों को यहां तीनों समय का भोजन भी दिया जाता है।

इस कोविड सेंटर को तैयार करने में 30 लाख रुपये लग गए। इसके लिए चारों दोस्तों ने बराबर पैसे दिए हैं. सेंटर में 10 डॉक्टरों सहित कुल 40 मेडिकल स्टाफ हैं। चारों दोस्तों के मन में ये आइडिया तब आया जब उनलोगों ने आपने आस पास लोगों को कोरोना से मरते हुए देखा तभी उन्होंने सोचा कि अपना एक सेंटर खोले ताकि गांव मन लोगों को लेमो न हो।

इन चारों के अनुसार फिलहाल तो यहां 50 मरीजों की देखरेख की जा रही है लेकिन जरूरत पड़ने पर अन्य मरीजों को रखने की व्यवस्था भी है इनके पास।सबसे अच्छी बात ये है कि अभी तक इस सेंटर में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।