पूरी दुनिया महामारी का कहर जारी है। ऐसे में कई लोग कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो चुके है तो कुछ लोगों की जान जा चुकी है। वहीं तेलंगाना के निजामाबाद में एक बेहद क्रूर घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति ने कोरोना के डर से अपनी मां को घर में नहीं घुसने दिया। बुजुर्ग महिला वायरस से उबरकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुकी है। अब उसके सामने समस्या है कि जाए तो जाए कहां। बेटे की ऐसी क्रूरता देख हर किसी को गुस्सा आएगा।
वहीं मजबूर मां घर के सामने ही खुली आसमान के नीचे रहने को मजबूर है क्योंकि उसका बेटा घर में ताला लगाकर परिवार समेत बाहर चला गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जी. बालमणि को कुछ समय पहले उनके बेटे ने एक वृद्धाश्रम भेज दिया था।

हाल ही में महिला का कोविड-19 परीक्षण पॉजिटिव आया तो वृद्धाश्रम के केयरटेकर ने उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। हफ्ते भर पहले उसका परीक्षण निगेटिव आने के बाद भी उसका बेटा उसे लेने अस्पताल नहीं आया। रिपोर्ट के मुताबिक, 80 वर्षीय महिला महाराष्ट्र के शोलापुर में अपने रिश्तेदार के यहां गई थीं और लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गईं।

हालांकि, जब लॉकडाउन में ढील मिली तो वह वापस तेलंगाना लौट आईं। लेकिन कथिततौर पर उनके बेटे और बहू ने ‘कोविड 19’ के डर से उन्हें घर में घुसने नहीं दिया। आपको बता दे कि अशोक ने बताया कि बुजुर्ग महिला ने समझाया कि वह कोरोना वायरस संक्रमित नहीं हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं लेकिन उनके बेटे नहीं माने।

उन्होंने कहा कि महिला के छोटे बेटे ने अपने घर में ताला लगा लिया और कहीं चला गया। बाद में पड़ोसियों के हस्तेक्षप के बाद बड़े बेटे ने महिला को घर में आने दिया।

हालांकि इस समय में परिवार के लोगों को एक दूसरे का साथ देना चाहिए, अब एक मां के ठीक होने के बाद भी बेटा ऐसी हरकत करे तो बेहद शर्मनाक है।