आज के समय में हर कोई की पहली पसंद एप्पल ब्रांड बन चुका है। हर किसी की चाहत होती है कि वो एप्पल के ब्रांड को इस्तेमला करें। ‘एप्पल’ कंपनी का नाम लेते ही ज़हन में उसके लोगो यानी कटे सेब की तस्वीर आती है। ऐसा होना लाज़मी है क्योंकि हर ब्रांड की पहचान उसका लोगो है। लोगो कंपनी का आइकन कहलाता है लेकिन क्या आप आधे कटे एप्पल की कहानी के बारे में जानते है। तो चलिए इसके पीछे का कारण जानते है।
दरअसल, यह बात 1977 की है जब Rob Janoff ने इस Logo को तैयार करके एप्पल के फाउंडर Steve Jobs को दिखाया था और पहली ही नजर में जॉब्स को यह खाए हुए सेब का Logo पसंद आ गया था।

इस Logo के बारे में बताया जाता है कि यह Logo कम्प्यूटर साइंस के विद्वान माने जाने वाले एलन टर्निंग की याद में बनाया गया है। एलन टर्निंग की 1954 में आचानक मौत हो गई थी।
उनके शव के पास से एक जहरीला सेब मिला था, जिसको खाया हुआ था। Janoff का मानना था कि सेब एक ऐसा फल है, जिसकी शेप थोड़ी सी कटने के बाद भी पहचानी जा सकती है।

इसलिए एप्पल कंपनी के लिए इस तरह Logo को तैयार किया गया। अब बात आती है कि Steve Jobs ने कंपनी का नाम ऐप्पल क्यों रखा है तो आपको बता दें कि Jobs का अपना एक सेब का बागीचा था और वह वहां अपना काफी समय बिताते थे।

जब वो कंपनी बनाने जा रहे थे, तो नामों की लिस्ट में ऐप्पल नाम सबसे ऊपर था। एप्पल सितंबर 2015 में दुनिया की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी बनी। तब उसने 233 अरब डॉलर की कमाई की थी।

एप्पल कंपनी के बारे में एक दिलचस्प बात ये कही जाती है कि कंपनी कंप्यूटर के आसपास कोई सिगरेट नहीं पी सकता। क्योंकि ऐसा करने वालो तो नौकरी से हाथ धोना पड़ता है।एप्पल अपने प्रोडक्ट्स क्वालिटी के लिए मशहूर है। Apple आईफोन की ज़्यादा कीमत के लिए हर किसी के लिए इसे खरीदना मुमकिन नहीं।