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Thursday, March 28, 2024
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    चाय चूरन बेचने से स्टार बनने तक का सफर, जानिए अन्नू कपूर की संघर्ष भरी कहानी

    बॉलीवुड इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार अन्नू कपूर जिन्होंने अपनी अदाकारी के साथ अपनी आवाज से भी सभी का दिल जीता है। आज वे कई शो को होस्ट करते हैं। वहीं उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर बॉलीवुड में बड़ा नाम कमाया है। आज वे किसी की पहचान के मोहताज नहीं है। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने कई संघर्षों का सामना किया है। अनु कपूर के पिता मदन लाल एक थिएटर कंपनी चलाते थे।

    उनकी मां टीचर थीं। उनका परिवार बेहद कठिन समय से गुजरा है। उनका बचपन गरीबी और संघर्ष से गुजरा है। बचपन में अपना पेट पालने के लिए वह चाय का ठेला लगाते थे। साथ ही चूरन के नोट और लॉटरी टिकट भी बेचते थे।

    अनु कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह आईएएस बनना चाहता थे पर बन नहीं पाए। परिवार की आर्थिक हालत ठीक ठाक न होने के कारण उन्होंने थिएटर की ओर रुख किया। उसके बाद उन्हें फिल्मों में एक्टिंग के ऑफर्स आने लगे।

    अन्नू कपूर आज जिस छवि के साथ हमारे सामने मौजूद हैं, वहां तक पहुंचने के लिए उनको करीब 20 वर्षों का लंबा संघर्ष करना पड़ा। सही मायने में उनकी किस्मत जागी, जब उन्होंने टेलीविजन प्रोग्राम करने शुरू किए।

    साल 1993 में दूरदर्शन पर अंताक्षरी प्रोग्राम शुरू हुआ, जिसमें अन्नू एंकर हुआ करते थे। उनके बोलने का अंदाज लोगों को बहुत पसंद आया। इसके बाद ‘व्हील स्मार्ट श्रीमती’ टीवी शो के जरिए तो वो घर-घर पहुंच गए। उनकी लोकप्रियता आसमान छूने लगी।

    फिल्मों में भी उनको अच्छे और बड़े रोल ऑफर होने लगे। ड्रीम गर्ल, जॉली एलएलबी 2, कंधार, विक्की डोनर, सात खून माफ जैसी कई शानदार फिल्मों में काम किया। हालांकि फिल्मी करियर में अनु कपूर कभी भी लीड रोल में नजर तो नही आये मगर उन्होंने अपने किरदार की छाप लोगों के दिलों दिमाग पर कुछ यूं छोड़ी की लोग उन्हें बेहद पसंद करने लगे।

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