आपने आज से पहले कई गांव के बारे में सुना होगा जो अपने आप में बिल्कुल अलग और खास होता है। जैसा कि आप सब जानते है कि आज भी ऐसा गांव है जहां शिक्षा का क्षेत्र बहुत ही कम है। जहां बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त नहीं हो पाती है। आज हम आपको एक ऐसे ही अनोखे गांव के बारे में बताने जा रहे है जिसकी विशेषताएं सुनकर हैरान रह जाएंगे।
दरअसल इस गांव में शिक्षा लेवल काफी ऊंचा है। कहा जाता है कि यहां का बच्चा पैदा होते ही जज या फिर मंत्री बनता है। ये है रेवाड़ी जिले का गांव बूढ़पुर। ‘वह नामी गांव बूढ़पुर कहिए, जहां जज और मिनिस्टर रहते हैं’। ये कहावत छह दशक से अहीरवाल में चली आ रही है।

इस कहावत से बूढ़पुर गांव की प्रसिद्धि साफ झलकती है। दरअसल संयुक्त पंजाब में अहीरवाल के प्रथम विधायक राव मोहर सिंह एवं उनके भाई न्यायाधीश श्योप्रसाद इसी गांव से रहे हैं।

उसके बाद से यह कहावत आज तक लोगों की जुबान पर है। जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित बेरली की ओर जाने वाले इस बूढ़पुर गांव की आबादी करीब छह हजार है। गांव में करीब 1700 वोटर हैं।

बूढ़पुर गांव का हर व्यक्ति पढ़ा लिखा है। यही वजह है कि इस गाँव कि गिनती शिक्षित गाँवों में होती है। इस गांव में एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल साल 1968 से चल रहा है जिसमें दूर-दूर से लोग पढ़ने आते हैं।

गांव की सबसे बड़ी खास बात ये है कि यहां बेटियों की शिक्षा पर भी काफी जोर दिया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पुरुषों के अलावा इस गांव की लड़कियां और बहुएं भी विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी करती हैं।
चार विधायक के अलावा इस गांव से ब्रह्मानंद मध्यप्रदेश में आईजी व नरपाल यादव सेना में कर्नल हैं। इस गांव के सरपंच हुक्मचंद हैं। यहां पर प्रशासन ने कई एजुकेशन की नीतिया लागू की है। इस गांव के बारे में लोगों का कहना है कि इसको भगवान का ही कोई आशिर्वाद मिला है।