चंबल के बीहड़ों का नाम आते ही लोगों के जेहन में डाकूओं के नाम आने लगते हैं। चंबल में कई ऐसे डाकु हुए जिनके नाम से पुलिस भी कांप जाती थी लेकिन ऐसी महिलाओं की भी कमी नहीं, जिन्होंने बीहड़ों पर पुरुष डकैतों की तरह ही राज किया। हत्या, लूट, डकैती और अपहरण के मामलों में भी वे महिला डाकू पीछे नहीं रहीं। आज हम आपको एक ऐसे डाकू के बारे में बात करने जा रहे है जिसके बारे में सुनते ही आप हैरान रह जाएंगे,
परिस्थिति ऐसी बनी की एक महिला डाकू के रूप में गांव में उभरी। औरैया जनपद की रहने वाली 24 वर्षीय रेणु यादव ने बताया कि 29 नवंबर 2003 को स्कूल जाते समय उसका अपहरण कर लिया गया।

रेणु बताया कि चंदन यादव गिरोह ने अपहरण किया था। तब वह किशोर थी। रेणु ने बताया कि उसके पिता ने उस समय इसकी शिकायत पुलिस से की थी मगर पुलिस वालों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
चूंकि रेणु के पिता डकैतों द्वारा मांगी गई फिरौती की रकम नहीं पहुंचा सके, इसलिए उसे मुक्त नहीं किया गया। ऐसे में फिरौति न मिल पाने के कारण रेनू को चंदन ने अपने पास ही रख लिया।

इसके साथ ही चन्दन डाकू ने रेनू को हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दे डाली। इसी तरह वह जब भी डाका डालने के लिए जाता था तो अपने अन्य शागिर्दों के साथ वह उसे भी लेकर जाता था।

धीरे धीरे कर के कुछ ही दिनों में रेनू की दहशत इतनी फैल गई कि राजस्थान और यूपी के लोग आज भी रेनू के नाम से कांपने लगते हैं।बकौल रेणु, 2005 में डकैत चंदन यादव की हत्या उसके दाहिने हाथ रामवीर गुर्जर ने कर दी।
इसके बाद उसने मौका पाकर एक दिन रामवीर गुर्जर को गोली मारी और फरार हो गई। बाद में इटावा पुलिस के आगे उसने आत्मसमर्पण कर दिया, लेकिन पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी इटावा के सिविल लाइंस इलाके से दिखाई और उसके साथ एक एसएलआर राइफल की बरामदगी भी दिखाई।

सात वर्ष तक चली अदालती लड़ाई जीतने के बाद रेणु इसी साल 29 मई को लखनऊ के नारी बंदी निकेतन से रिहा हुई।फिलहाल अब वो दो साल से गौ रक्षक दल की महासचिव का कार्य भार उठा रहीं हैं और इसके साथ ही वह समाजवादी पार्टी से भी जुडी हुई हैं।