एक बार भी महामारी का कहर जारी है। इस समय अमेरिका महामारी में पहले पायदान पर है ऐसे में अमेरिका को आयरलैंड आर्थिक रूप से सहायता दे रहा है। इसका कारण है 173 वर्ष पुरानी वो छोटी सी सहायता है, जो अमेरिका ने आयरलैंड में आए आलू के अकाल के वक्त की थी। इस अकाल में लाखों आयरिश लोगों की मृत्यु हो गई थी।
जी हां, आज हम आपको आयरलैंड में आए आलू के अकाल के बारे में बताने जा रहे है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1845 में हुई थी। दरअसल, साल 1845 में Ireland में P. Infestans का फंगस पैदा हुआ था। जो आलुओं की फसल को बर्बाद कर रहा था।

इस फंगस ने उस साल आधी से ज्यादा आलुओं की फसल तबाह कर दी। ये फंगस पूरे सात साल वहां कि आलू की फसल को तबाह करता रहा। लेकिन इसके थमने तक यहां बहुत कुछ तबाह हो चुका था। इन सात सालों में 10 लाख से ज्यादा आयरिश लोगों की भुखमरी और खराब आलू खाने से मौत हो गई थी।

जबकि 10 लाख से भी ज्यादा लोग आयरलैंड छोड़कर दूसरे देशो चले गए। एक वेबसाइट के मुताबिक उस वक्त आलू की फसल में लेट ब्लाइट (पछेती झुलसा) बीमारी लग गई थी। इस बीमारी में आलू के पत्ते और उसकी जड़ दोनों ही ख़राब हो जाते हैं।

यह बीमारी फाइटोपथोरा नामक कवक के कारण फैलती है। लगभग पूरे यूरोप में आलू की फसल में इस रोग का प्रकोप था लेकिन सबसे ज़्यादा असर आयरलैंड पर ही पड़ा था। आपको बता दे कि यह अकाल आयरलैंड के इतिहास में एक जलजले की तरह दर्ज़ है, जो तब ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड के यूनाइटेड किंगडम का हिस्सा था।

उस वक्त आयरिश नेताओं ने क्वीन विक्टोरिया को भुखमरी फैलने के बारे में बताया और लोगों की मदद करने के लिए अपील किया। इसके बाद क्वीन विक्टोरिया ने कॉर्न लॉ वापस ले लिया। जिसके बाद अनाज की कीमत अपेक्षाकृत कम हो गई, लेकिन तब भी भुखमरी खत्म नहीं हो सकी।