रमजान आने पर जहां मस्जिदें विरान हैं। वहीं, इस मुस्किल घड़ी में भी दुनियाभर के मुसलमान रमजान के इस मुकद्दस महीने में पूरे सिद्दत से रोजे का एहतमाम कर रहे हैं। रोजे में यूं तो कई तरह के फलों और पकवानों का सेवन किया जाता है। पर क्या आपने गौर किया है कि रोजा अक्सर खजूर खाकर ही खोला जाता है। इसके बाद दूसरी चीजें खाई जाती हैं और पानी पिया जाता है।

तो हम आपको बताते हैं कि इफ्तार में खजूर खाने का कॉन्सेफ्ट कहां से आया और हेल्थ के लिहाज से यह कितना फायदेमंद है। यही वजह है कि दुनिया भर के मुसलमान खजूर से रोजा खोलना पसंद करते हैं। रमजान में खजूर की बहुत अहमियत है।
वहीं सेहत के लिए भी खजूर कई तरह से फायदा पहुंचाता है। खजूर एक तरह का फल है। यह ज्यादातर मिस्र और फारस की खाड़ी क्षेत्र में पाया जाता है। दुनिया में सबसे अच्छी किस्म का खजूर, जो कई बीमारियों को ठीक करने में मददगार होता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक खजूर कई सदियों से रमजान की परंपरा का अहम हिस्सा बना हुआ है। हादिथ साहित्य में लिखा है कि कच्चे खजूर के साथ रोजा खोलने को अल्लाह के दूत ने सबसे सही माना था।
यहां से ही खजूर के साथ रोजा खोलने की परंपरा चल निकली। खजूर को रमजान में सेहत के लिए भी सबसे सही माना गया है। शुगर और विटामिन से भरपूर खजूर में पोटेशियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है।

इसके अलावा इसे फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स का भी अच्छा सोर्स माना जाता है। जिस समय आपने उपवास रखा हो और पूरे दिन कुछ न खाया हो, उस वक्त स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती है।

आपका ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। इसके अलावा शुगर लेवल कम होने से आपको सिरदर्द और थकान रह सकती है। खजूर में जो पोषक तत्व पाए जाते हैं, वो इन समस्याओं से बचाते हैं। साथ ही पूरे दिन इससे एनर्जी मिलती है।