पहले लोग कहते थे कि इज्जत लड़की का गहना होता है। और यह सच भी है। इज्जत महिला का गहना होता है। हम सभी इस बात को अपने परिवार के लिए लागू करते हैं। ये बात हम बाहर जाकर भूल जाते है जब हम किसी वेश्या के साथ सोते हैं। तब हम उस महिला की इज्जत उतारने से बिलकुल भी परहेज नहीं करते, तब यह ख्याल क्यों नही आता कि वह लड़की भी किसी भी बहू, बेटी, मां हो सकती है।

ऐसे में कुछ महिलाएं अपनी जिंदगी को चलाने के लिए इस काम को करने के लिए मजबूर रहती है। 16वीं – 17वीं शताब्दी में जब पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा किया हुआ था, उन दिनों पुर्तगाली जापान से मुंह मांगी दाम देकर लड़कियां यहां लाया करते थे लेकिन धीरे-धीरे जब पुर्तगालियों की दोस्ती भारत के अन्य ब्रिटिश शासकों से हुई, तो वो भारत की गरीब लड़कियों को दाम देकर या जबरन उठाकर वेश्यावृत्ति के ठिकानों पर भेजने लगे।

इस तरह आर्मी कैंप के पास ही वेश्यावृति के कोठे बनाकर ब्रिटिश सिपाही अपनी इच्छा से इन लड़कियों के कोठों पर पहुंच जाते थे। आज वेश्यावृति का धंधा इतना तेज हो चला है कि शायद हीं कोई हो जिसने रेड लाइट इलाके के बारे में ना सुना हो।

क्या आपको पता है देह व्यापार के एरिया को रेड लाइट एरिया क्यों कहा जाता है। कहा जाता है कि हजारों सालों से वैश्यावृति का लाल रंग से खास रिश्ता रहा है। ये रंग कामुक और संवेदनशील माना जाता है।
आपको बता दे कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बेल्जियम और फ्रांस के कई वेश्यालयों का अलग किया गया था। जिसमें एक तरफ नीला रंग लगाया गया था वहीं दूसरी तरफ लाल रंग।

वहीं दूसरे दर्ज़े के लोगों के लिए लाल रंगों के चिन्ह प्रयोग में लाए जाते थे। तो इससे जुड़े कई तथ्य है। वैसे इन तमाम चीज़ो पर आज तक पुलिस और सरकार लगाम नहीं लगा सकी है।