अगर आपको कम लागत का एक ऐसा घर बनाना है जो वातानुकूलित हो तो आप हरियाणा के डॉ शिवदर्शन मलिक से मिलें। इन्होंने देसी गाय के गोबर से एक ऐसा ‘वैदिक प्लास्टर’ बनाया है जिसका प्रयोग करने से गांव के कच्चे घरों जैसा सुकून मिलेगा। जी हां इस घर को बनवाने में गर्मियों में ज्यादा फायदे होते है। इस घर में आपको गर्मी नहीं लगेगी। गर्मियों में काफी सुकून देगा।

आपको बता दे कि दिल्ली के द्वारका के पास छावला इलाके में रहने वाले डेयरी संचालक दया किशन ने करीब 2 साल पहले गाय के गोबर से बने प्लास्टर से घर बनवाया था।
उन्होंने घर के बारे में बताया कि इस घर में ऐसी की जरूरत नहीं पड़ेगी, बाहर के तापमान के हिसाब से इस घर का तापमान 28 से 30 डिग्री तक रहता है। इसी के साथ सीमेंट से काफी सस्ता पड़ता है। वो आगे बताते हैं, “इस मकान के जितने फायदे बताए जाए वह कम ही होगा।

इस तरह के मकान में बने फ़र्श पर गर्मियों में नंगे पैर टहलने से पैरों को ठंडक मिलती है और हमारे शरीर के अनुसार तापमान मिलता है। बिजली की बचत होती है, शहरों में भी गाँव जैसी कच्ची मिट्टी के पुराने घर इस गाय के प्लास्टर से बनाना सम्भव है।”
हरियाणा के रोहतक में रहने वाले डॉ. शिवदर्शन मलिक ने लंबे समय तक गाय के गोबर पर शोध किया है, उन्होने गाय के गोबर से वैदिक प्लास्टर बनाया है जो सस्ता होने के साथ ही घर को गर्मी में ठंडा और ठंड में गर्म रखता है।

आपको बता दे कि शिवदर्शन मलिके ने केमिस्ट्री से पीएचडी करने के बाद आईआईटी दिल्ली और वर्ल्ड बैंक जैसी कई नामी और बड़ी संस्थाओं में बतौर सलाहकार कई वर्षो तक काम किया है।
वैसे देखा जाए तो रोजाना 30 लाख टन गोबर निकलता है। जिसका इस्तेमाल सही ढंग से नहीं किया जाता है। इस तरह के प्लास्टर से तैयार मकानों में नमी हमेशा के लिये खत्म हो जाएगी, जिससे सीलन की झंझट नहीं रहती है। इसके साथ ही घर प्रदूषण से मुक्त रहता है।