पति पत्नी का रिश्ता बेहद खास होता है। पति-पत्नी का रिश्ता प्यार, विश्वास और आपसी तालमेल पर टिका होता है। आप सभी ने सुना है कि प्यार अंधा होता है लेकिन सच में अंधा बन जाना ये शायद आपने नहीं सुना होगा दरअसल एक ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहे है जिसे सुनने के बाद आप भावुक हो जाएंगे।

दरसअल इंसान को प्यार सूरत से नहीं बल्कि सीरत से करनी चाहिए क्योंकि समय के साथ खूबसूरती ढल जाती है लेकिन उसका स्वभाव, अच्छा इंसान वैसे ही रहता है।
बंगलोर में रहने वाला समृद्ध परिवार के लड़के को एक किसान की बेटी से प्यार हो जाता है। उसे पहली नजर में देखते ही पसंद आ जाती है। वो अपने प्यार का इजहार लड़की से करता है लेकिन वो मना कर देती है।
वहीं शिवम ने हार नहीं मानी और वो लड़की के घर पहुंच गया। जिसके बाद उसने लड़की के पिता से बात की और लड़की का हाथ मांग लिया।

पिता ने भी देखा की लड़का सम्पन्न परिवार से है और वो उनकी बेटी से बेहद प्यार भी करता है और इस वजह से उन्होंने इस रिश्ते के लिए हां कर दिया और दोनों की शादी धूमधाम से सम्पन्न हो गयी।
वहीं शादी के बाद दोनों बहुत ही खुशहाल जिंदगी बिताने लगे। कुछ दिनों के बाद शिवम की पत्नी को त्वचा रोग हो गया। शिवम ने बहुत ही इलाज करवाया लेकिन कोई उपाय नहीं निकल पाया, ऐसे में पत्नी बीमार रहने लगी और उसे इस बात की ज्यादा चिंता सताने लगी कि कही बदसूरत होने की वजह से उसका पति कही छोड़ न दे।

वही एक बार ऑफिस से घर आते वक्त शिवम का एक्सीडेंट हो गया और इस एक्सीडेंट में शिवम ने अपने आँखों की रौशनी भी खो दी और जब शिवम् तो पत्नी को ये सब पता चला तो वो बहुत दुखी हुई और अपने पति की सेवा में जी जान से लग गयी।

ऐसे में उसके मन से बदसूरत वाला डर निकल चुका था दोनों एक साथ खूब खुश रहने लगे। कुछ समय के बाद ही शिवम की पत्नी की तबियत काफी ज्यादा बिगड़ गयी और वो कुछ समय बाद इस ही दुनिया को अलविदा कह गयी।
पत्नी के जाने के बाद शिवम पूरी तरह से टूट चुका था और वो घर छोड़ कर जाने लगा तभी पड़ोसी पूछने लगे कि तुम अंधे हो ऐसे में कहां जाओगे तब शिवम ने जो बात कही उसके बाद आंख पानी आ गया।

दरअसल उसने कहा कि वो अंधा नहीं था उसने अपने पत्नी के लिए नाटक किया ताकि उसके मन ये डर निकल जाए कि उसके बदसूरत होने पर छोड़ न दूं। वो बिना किसी झिझक के मेरे साथ ख़ुशी से अपनी जिंदगी बिता सके पर आज वो मेरे साथ ख़ुशी से अपनी जिंदगी बिता सके पर आज वो मेरे साथ नहीं है और मैं उसके यादों के सहारे ही अपना जीवन गुजार लूँगा।