
हर किसी के दिन की शुरुआत चाय से होती है। बहुत कम ही ऐसे लोग होंगे जिन्हें चाय पसंद न हो। चाय प्रेमियों की तादाद दुनिया में काफी तेजी से बढ़ती भी जा रही है क्योंकि आजकल लोग चाय ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में आज हम अगर आपको ऐसे गाँव के बारे में बताएं जहाँ चाय का नामोनिशान भी नहीं है।
जी हां भारत में एक ऐसा गांव जहां लोग चाय के लिए तरसते है।यहां पर चाय ना बनती है, न बिकती है और ना ही दूध की कोई शॉप है। यह गाँव आगरा से करीब 2 किलोमीटर की दुरी पर बसा हुआ है और इस गाँव का नाम है कुआं खेड़ा।

इसका कारण जानकर आप ये कहेंगे कि 21वीं सदी में भी ऐसा होता है। दरअसल, इस गांव में दूध बेचना पाप है. उनका मानना है कि, अगर कोई दूध बेचेगा, तो पूरे गांव पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा। साथ ही उस शख़्स के साथ भी कुछ अनहोनी घटेगी।
इसी मान्यता के चलते पिछले कई दशकों से यहां दूध बेचना बैन है। ये परंपरा सदियों से चली आ रही है इसीलिए लोग आज तक मानते है। ये भी बता दे कि आपको यहां घर घर गाय या भैंस बंधी हुई मिल जाएगी इसका मतलब दूध का उत्पादन होता है लेकिन चाय नहीं बनती।

लोग घरों में दूध का इस्तेमाल कर लेते है और जो बच जाता है उसे दूसरे घरों में बिना पैसे के दे देते है। चाय प्रेमी के लिए ये खबर बड़ी दुख की है क्योंकि लोग यहां अंधविश्वास के चक्कर में चाय नहीं पीते और दुकान भी नहीं मिलेगा।

यहां के लोगों का चाय पीना एक सपना बना हुआ है। अधिकांश लोग ऐसे है जिसे चाय की लत लगी हुई है अगर उन्हें चाय न मिले तो वो बीमार पड़ जाते है। ऐसे में इस गांव में चाय न मिलना बड़ा सवाल है।